इतिहास गवाह रहा है कि किसी भी समाज कि उन्नति एवं प्रगति उसकी भावी पीढ़ी पर निर्भर है । भावी पीढ़ी शिक्षा के माध्यम से मानवीय मूल्यों, आदर्शो एवं संस्कारों का बीज बोकर सफल जीवन जीते हुए मोक्ष को प्राप्त करे यही उदेशय है । तभी तो कहा गया है – सा विधा या विमुक्तये । मानव शरीर के प्रत्येक अंग अवयव में असीम शक्तियां छिपी हुई है । इन्हें जानने एवं विकसित करने क़ि जरुरत होती है जिससे जीवन समृद्ध, समुन्नत एवं गौरवशाली बन सके । साहस, शौर्य, उधम, परिश्रम, उद्योग, धैर्य एवं संघर्ष क़ि अद्भुत शक्तियां सिर्जनात्मक विचारो से उत्पन्न होती है जिनका प्रयोग जीवन के किर्यात्मक क्षेत्र में करने से इच्छित फल की प्राप्ति होती है ।
शुभकामनाओं सहित